जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को 
कुल हिंद जमीअतुल आवाम का खिराज ए अकीदत 
कानपुर । कुल हिंद जमीअतुल आवाम के बैनर तले जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को खिराज ए अकीदत श्रद्धांजलि पेश करने के लिए रूपम चौराहा स्थित गरीब नवाज हाल में कार्यक्रम आयोजन किया गया जिसमें शहर भर के उलेमा व बुद्धिजीवी सामाजिक संगठन के लोग मौजूद रहे जिन्होंने भारत के वीर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी  ज्ञात हो कि सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले में 42 जवान शहीद हो गए थे व दर्जनभर से ज्यादा जवान जख्मी हुए सेना के काफिले पर घात लगाकर दहशतगर्दी ने फिदायीन हमला किया जिसमें भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए इस आतंकी हमले के विरोध में आज शहर काजी कानपुर मौलाना मोहम्मद आलम रजा खान नूरी के नेतृत्व में शहीद सैनिकों को  खिराज  ए  अकीदत पेश की गई कार्यक्रम को अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया जिसमें लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए इस मौके पर खासकर मुस्लिम धर्मगुरु व बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने कहा कि इस घटना को लेकर मुसलमानों सहित प्रत्येक भारतीय में गहरा रोष व्यक्त है दहशतगर्दी के इस कायराना हमले के विरोध में पूरा भारत एकजुट है  देश की हिफाजत में हमारे सेना हमेशा तत्पर रहती है कार्यक्रम में सर्व सहमति से एक निंदा प्रस्ताव पास किया गया जो शहर भर के उलमा मस्जिदों के इमाम  व  बुद्धिजीवियों  की मौजूदगी में सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया की हम सभी भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए इस कार्यक्रम के बाद सभी लोग शहर काजी कानपुर मौलाना आलम रजा खान नूरी के नेतृत्व में एक ज्ञापन जिलाधिकारी कानपुर नगर के माध्यम से   महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी व भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को भेजा गया कार्यक्रम में कारी अब्दुल मुतालिब ने कहा कि दहशतगर्दी के इस कायराना हमले  के विरोध में आज पूरा भारत  एकजुट है और यही हम भारतीयों की  पहचान है महामंत्री  महबूब आलम खान ने  कहा कि  देश की हिफाजत में हमारे सैनिक दिन रात सरहदों पर तैनात  रहते हैं जिससे  हम अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं  इन शहीदों की शहादत को हम सब सलाम करते हैं इस घटना को लेकर  जनता में काफी आक्रोष है जिसको हमारी सरकार को समझना चाहिए देश के दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए दहशतगर्दी की सख्त मजम्मत करते हुए यह मांग  की गई कि इस दहशतगर्दी हमले को अंजाम देने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए जिससे भविष्य में इस तरह के हमले ना हो सके साथ ही शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद दी जाए साथ ही शहीद सैनिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार अलग से फंड जारी करें जिससे भविष्य में यह बच्चे अपना योगदान देश की प्रगति मे लगाएं और शहीद पिता के सपने को साकार कर सकें कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौलाना मोहम्मद आलम रजा खान नूरी मुफ्ती हनीफ बरकाती कारी अब्दुल मुतालिब मौलाना महमूद उल हसन महबूब आलम खान  मुफ्ती रफी अहमद मुफ्ती साकिब अदीब मुमताज सिद्दीकी समाजसेवी सुरेश गुप्ता  अखलाक अहमद डेविड इस्लाम खान हयात जफर हाशमी हाफिज मुशीर हाफिज कफील मौलाना शरीफी सैयद हाजी जफर इरफान हाशिम मौलाना शाहनवाज कन्नौजी  आदि मौजूद रहे

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