आज कानपुर सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष 5 सदस्य टीम ने केडीए के भ्रष्टाचार अधिकारियों के विरुद्ध ज्ञापन देने पहुंचे अधिकारियों के ना मिलने पर लौटना पड़ा वापस


कानपुर विकास प्राधिकरण अधिकारी अवैध भवन निर्माण के भ्रष्टाचार में है लिप्त  मुख्यमंत्री की ऐसे भ्रष्टाचार अधिकारियों पर क्यों नहीं जा रही है नजर

जी हां मामला है कानपुर विकास प्राधिकरण अधिकारियों का जो सुर्खियों में हमेशा चैनल पेपर में नजर आते देखे जा रहे हैं आज कानपुर शहर में जितने भी भवन बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है उसका ना तो केडीए द्वारा नक्शा है नाही परमिशन केडीए का सिर्फ एक ही नारा है पैसा लाओ निर्माण कराओ

कानपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के चलते जिस तरह बहुखंडी इमारतों का निर्माण सदन आबादी क्षेत्र में के डी ए अधिकारियों द्वारा करवाया जा रहा है  आज 5 सदस्यीय प्रति निधि मंडल सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में ज्ञापन देने के लिए उपस्थित हुआ जहां एक तरफ योगी सरकार अपनी प्रशासनिक व्यवस्था और सुधारों की बड़ी-बड़ी बात कर रही है वह हकीकत यह रही कि आज ज्ञापन प्राप्त करने के लिए पूरे सिटी मजिस्ट्रेट और एसीएम कार्यालय में कोई भी वरिष्ठ जिम्मेदार अधिकारी ना तो उपलब्धता नहीं ज्ञापन प्राप्त करने के लिए कोई दूसरा अधिकारी है जिसके चलते आधे घंटे से ज्यादा प्रति निधि मंडल को परेशान होना पड़ा और अंता बिना ज्ञापन दिए ही प्रति निधि मंडल को वापस होना पड़ा एक बहुत बड़ा सवाल है योगी सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर कानपुर नगर प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर विज्ञापन जैसे सामान्य कार्य के लिए भी एक भी ना तो अधिकारी उपलब्ध कराना ही जिम्मेदार या तो कानपुर विकास प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट अधिकारी द्वारा सघन आबादी क्षेत्र में अवैध ढंग से मानवइन भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है जिसके चलते पूरा शहर जाम की स्थिति से गुजर रहा है क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ पुलिस आयुक्त जिलाधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की जाएगी  मुख्यमंत्री ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ क्यों नहीं की जा रही है कार्यवाही जो भ्रष्टाचार में लिप्त है क्या ऐसे ही कानपुर शहर में केडीए द्वारा अवैध निर्माण किया जाएगा प्रति मंडल में मुख्य रूप से अश्वनी दीक्षित विनोद यादव एडवोकेट सतीश शर्मा एडवोकेट और बिल्लू सहित दो अन्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.

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