लाखों की कीमत के शौचालय बन गये कबाड़
कानपुर। गंदगी हमारे शरीर के साथ स्वस्थ्य राष्ट्र के निर्माण में भी बाधक है और शायद सफाई की महत्वता जानते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का सपना देखा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मोदी की राह पकडी और प्रदेश में स्वच्छता अभियान चलाया। परिणाम यह कि पूरे देश में सफाई को लेकर एक नई जागरूकता देखने को मिली है और लोगो को भी सफाई की महत्वता का पता चला है लेकिन कहीं कहीं इसके विपरीत स्वच्छता अभियान को मुंह चिढाने के मामले भी सामने आते रहते है, जिसमें स्थानीय विभाग व अधिकारी जिम्मेदार होते हैै। ऐसे ही स्वच्छ अभियान की हवा विभागीय अधिकारी किस प्रकार निकला रहें है यह कानपुर की सडको पर आसानी से देखा जा सकता है। इसके साथ ही जो जिम्मेदार है वह अपने काम के प्रति सजग नही है, बिठूर नगर पंचायत में देखा जा सकता है कि किस तरह से लाखों रूपये की कीमत से खरीदे गऐ अस्थाई शौचालय पडे-पडे कबाड में बदल चुके है। यहां बताना जरूरी है कि बिठूर एक एतिहासिक ही नही बल्कि धार्मिक नगरी है और प्रदेश ही नही पूरे देश में अपने विशाल इतिहास के लिए विख्यात है। यहां प्रसिद्ध मंदिर, घाट, आश्रम होने के साथ टाउन एरिया भी है और पर्यटन की दृष्टि से भी यहां प्रतिदिन हजारो लोग घूमने आते है। ऐेस मेे मुख्य मार्ग पर शौचालयों के न होने से लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।
इस मामले में स्थानीय लोगों ने सीधा आरोप नगर पंचायत पर लगाते हुए कहा कि नगर पंचायत इस ओर कोई ध्यान नही दे रही है और ये हाल तब है, जब बिठूर विधानसभा के विधायक भाजपा से है और उनकी माता नगर पंचायत की निवर्तमान चेयरमैन है। लोगों ने बताया कि विधायक की माताजी अबकी चुनाव में भाजपा के टिकट पर प्रत्याशी भी है। बिठूर कस्बे के प्रमुख स्थानों पर शौचालयों की कमी है औरयदि कहीं पर शौचालय है भी तो साफ-सफाई न होने के कारण गंदगी से वहां का बुरा हाल है। केद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया तो इसके तहत लाखों रूपये का बजट भी नगर पंचायत को मिला। इसके बाद नगर पंचायत ने अस्थाई शौचालय खरीदे, लेकिन कुछ ही स्थानों पर इन्हे लगाया गया। कुछ दिनों तब जब इनकी देख-रेख नही हुई तो यह टूट गए और आज यह शौचालय किसी काम के नही रहे। ऐसा प्रतीत होता है कि मात्र नगर पंचायत ने खानापूर्ति के लिए इन्हे लगवाया था। सूत्रों की माने तो बहुत बडी संख्या में यह शौचालय नगर पंचायत के गोदाम में पडे-पडे कबाड में बदल गये है। इन शौचालयों का लोहा तक गल गया है, लेकिन पंचायत के अधिकारी कोई सुध लेने को तैयार नही है।
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