तरावीह सुना रहे हाफ़िज़ कारी 
जनाब मोहम्मद शाकिर साहब का इन्तेकाल

कानपुर । हलीम मुस्लिम इंटर कालेज में कई वर्षों से तरावीह सुना रहे हाफ़िज़ कारी जनाब मोहम्मद शाकिर साहब का 27 मई यानी पहली रमज़ान को रात 12:30 पर दिल का दौरा पड़ने से इंतकाल हो गया।
इत्तेला के मुताबिक़ हाफ़िज़ शाकिर साहब ने रात 9"15 पर तरावीह पढ़ाना शुरू की कुछ ही देर में वह कुछ असहज दिखे लेकिन ठंडा पानी पी कर किसी तरह अपने को संभाला और साढ़े ग्यारह बजे पहले दिन की तरावीह में पाँच सिपारे मुकम्मल किये। बाद तरावीह हाफ़िज़ शाकिर हलीम कालेज चौराहे पर जब अपने पीछे नमाज़ और तरावीह पढ़ने वालों से मिल रहे थे तभी उन्हों ने तबियत बिगड़ने की शिकायत की जिसके बाद उन्हें तुरन्त मनामा हॉस्पिटल ले जाया गया जहाँ से उन्हें कार्डियालोजि रेफर कर दिया।ह्रदय रोग संस्थान पहुचते ही हाफ़िज़ कारी शाकिर साहब इस दुनिया को छोड़ कर मालिके हक़ीक़ी से जा मिले(इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहे राजेउँन)।डाक्टरों द्वारा उनके इंतेक़ाल की  पुष्टि करते ही अस्पताल में मातम छा गया।इस हादसे की खबर शहर भर में आग की तरह फैली और कुछ ही देर में कार्डियोलोजी में सैकड़ों लोगों का मजमा लग गया। हाफ़िज़ शाकिर निहायत ही परहेज़गार और नेक इंसान थे मरहूम की रिहाइश्गाह मस्जिद शफियाबाद के पास चमन गंज में है।  नमाज़े जनाज़ा आज बाद नमाज़ तरावीह हलीम कालेज के मैदान में अदा की जायेगी।अल्लाह हाफ़िज़ क़ारी शाकिर साहब की मग़फ़िरत फरमाए और अहले खाना को सबरे जमील अता करे (आमीन)।

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