खुली नगर निगम की पोल


कानपुर । जिनका काम बोलता था उनके कारनामो की लिस्ट परत दर परत खुलने लगी है। तो नगर की सड़कों के नीचे दबे भ्रस्टाचार की उन कब्रो को दिखाते है जिनके फटने से फौवारे अब नजर आने लगे है। बात हो रही है पिछली सरकारों के नगर निगम और जल संस्थान के पाइपलाइन घोटालों की।
ये शहर की बेनाझाबर रोड है जिसके नीचे सपा और बसपा के शासन काल मे एक बड़े घोटाले के राज जल संस्थान की पाइपों के रूप में बिछाये गए है। अब यही घोटाले भ्रष्टाचार के फौवारे के रूप में सड़कों को बर्वाद करके बाहर आने लगे है। लोगो को घर तक पानी देने के लिहाज से पिछली सरकारों ने लगभग पूरे शहर में पाइप लाइनों को बिछाया था लेकिन अब हालात ये है कि जैसे ही इन पानी के पाइप लाइन की टेस्टिंग होती है जहाँ जहाँ से पाइप लाइन गुजरती है सड़क में गढ़े होने लगते है और कुछ देर बाद सड़क पानी मे समा जाती है। लोगो का मानना है कि अब ये रोज की बात हो गयी है। 
हालांकि घोटाला पिछली सरकार में जरूर हुआ लेकिन अधिकारी इस भ्रष्टाचार के मामले में मुँह खोलने को तैयार नहीं होते। हालांकि अधिकारी मानते है कि इस घटना से सड़कों का बुरा हाल है और जल्द ही सड़को को ठीक कराके पानी की सप्लाई का काम कराया जाएगा।
हालांकि भ्रष्टाचार के इन फौवारों का असर प्रदेश के कई हिस्सों में देखा जा सकता है लेकिन मौजूदा सरकार में जवाबदेह ये अधिकारी अभी तक इस मामले में लीपापोती करते ही नज़र आते है जिससे घोटाले में शामिल लोगों के बच निकलने की पूरी संभावना नज़र आ रही है। सरकार को इस तरह के घोटालों पर नए शीरे से नकेल कसने की कवायद करनी पड़ेगी और आने वाले समय मे घोटालों की तैयारी से बचा जा सकता है। अब देखना है कि सरकार आखिर कितनी संजीदा है।

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