ख्वाजा ए हिंद वो दरबार है आला तेरा, कभी महरुम नही मांगने वाला तेरा

कानपुर 08 फरवरी मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम जशने गरीब नवाज़ हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज़ का 810वां कुल शरीफ खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह मे अदबो एहतिराम, अकीदत धूम-धाम के साथ मनाया गया।
खानकाहे हुसैनी मे बाद नमाज़ फज़िर कुरानख्वानी का एहतिमाम किया गया फिर मज़ार शरीफ का गुस्ल इत्र से कर गुलपोशी की गयी जशन ए गरीब नवाज़ का आगाज़ कलाम ए पाक की तिलावत के साथ हाफिज़ मोहम्मद अरशद ने किया      
शोरा ए कराम ने गरीब नवाज़ की शान मे ख्वाजा ए हिंद वो दरबार है आला तेरा, कभी महरुम नही मांगने वाला तेरा, हम प्यादे है वज़ीरों मे गिने जाते है सिल सिलाएं चिश्त के फकीरों मे गिने जाते है जबसे डाली है ख्वाजा ने इनायत की नज़र काँच के टुकड़े है हीरों मे गिने जाते है।
जलसे की सदारत काज़ी ए शहर हज़रत मौलाना सैय्यद कमर शाहजहाँपुरी ने की। जलसे को मुफ्ती हसीब अख्तर शाहिदी ने खिताब करते हुये कहा कि नमाज़ कुरान व इल्म से दूरी रखने वाले मोहब्बत इंसानियत अखलाक से दूर हो रहे है गरीब नवाज़ ने नमाज़ कुरान इल्म को बेहद अहम बताया व मोहब्बत, इंसानियत अखलाक का ऐसा पैगाम दिया जिसकी बदौलत ही हिंदुस्तान मे इतने मज़हब के मानने वाले होने के बावजूद सब एक धागे से बंधे है दुनिया के मुल्क उनके बताए हुए रास्ते पर चलने की प्रेरणा लेकर अपने मुल्क की आवाम को सीख देते है यह हमारी खुशनसीबी है के आका मौला हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) ने गरीब नवाज़ को हिंद की खिलाफत अता कर हिंदुस्तान भेजा। 
गरीब नवाज़ के दरबार मे हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी मज़हबों के लोग आते है और फैज़ पाते है दुनिया के ताकतवर मुल्क के राजा भी हिंद के सुल्तान मे अपनी आस्था रखते है गरीब नवाज़ के बताए रास्तों पर चलकर ही हम कामयाब हो सकते है। ख्वाजा गरीब नवाज़ ज़िंदाबाद, ख्वाजा का हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे बुलंद किये गये। कुल शरीफ की आखिरी रस्म अदा कर दुआ हुई जिसमें उलेमा ए दीन ने अल्लाह से आका मौला हुज़ूर सरकार हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०), गरीब नवाज़ के सदके मे मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम रहने, खुशहाली व तरक्की देने व गरीब नवाज़ के बताए हुए रास्तों पर चलने की दुआ हुई। मस्जिद हज़रत बिलाल सुजातगंज में जशन ए गरीब नवाज़ मनाया गया।
उर्स में इखलाक अहमद डेविड, मुरसलीन खाँ भोलू, हाजी निज़ामुद्दीन, सैय्यद अतहर कादरी, हाफिज़ मोहम्मद कफिल हुसैन, मुनीर खाँ कादरी, जमालुद्दीन, अयाज़ अहमद चिश्ती, मोहम्मद शाहिद,  ज़ियाउद्दीन, हाजी उस्मान, सैय्यद मोहम्मद तलहा, शमशुद्दीन फारुकी, सैय्यद शादाब अली, फाज़िल चिशती, अफज़ाल अहमद, हाफिज़ हसीब अहमद, तौफीक रेनू, शारिक वारसी, मोहम्मद अज़हर, युनुस खान मोहम्मद इस्लाम, नजमुस सईद, इस्लाम चिश्ती, हबीब आलम, मोहम्मद मुबश्शीर, शहाबुदीन खान, आज़म महमूद आदि लोग मौजूद थे।

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