तन्ज़ीम बरेलवी उलमा.ए.अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम जश्ने आमदे रसूल का सातवां जलसा नूरानी मस्जिद शुजातगंज मे आयोजित

कानपुर । मोहसिने इन्सानियत पैगम्बरे इस्लाम हुज़ूर नबी करीम सललल्लाहु अलैहे वसल्लम की विलादत पर खिराजे अक़ीदत पेश करने के लिए तन्ज़ीम बरेलवी उलमा.ए.अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम सातवां सालाना 12 रोज़ा इजलास जश्ने आमदे रसूल का सिलसिला जारी है जिसका सातवां जलसा नूरानी मस्जिद चन्दारी शुजातगंज में हुआ जिसकी सदारत तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी व क़यादत कारी शमशाद रज़ा ने की।  

मौलाना नियाज़ुल्लाह मिस्बाही ने खिताब फरमाते हुए कहा कि हज़रते अल्लामा जमालुद्दीन सियूती अलैहिर्रहमा फरमाते है मेरे नजदीक ईद मीलादुन्नबी जिसमे लोग इकट्ठा होकर कुरआन की तिलावत करते है और इन रवायत को पढ़ते पढ़ाते है जो हुज़ूर अलैहिस्सालम की विलादत के बारे में आई है और वक़्त विलादत जो निशानियाँ ज़ाहिर हुई उनका जिक्र कराते हैं फिर उनके लिए दस्तरख्वान बिछाया जाता है यह सब सवाब है क्योंकि यह अमल हुज़ूर की अज़मत शान और आपकी मुबारक पैदाइश पर ख़ुशी व मसर्रत का इज़हार है हज़रते अल्लामा अहमद बिन मोहम्मद क़स्तलानी अलैहिर्रहमा फरमाते हैं कि मुसलमान हमेशा से रबीउल अव्वल शरीफ के महीने मे महफिले दावतें करते विलादत की रात मे किस्म किस्म के सदकात करते आए हैं। वह इस मौक़े पर ख़ुशी का इज़हार करते, नेक कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते।

इस मौके पर एक खास तजुर्बा हासिल हुआ है कि ऐसा करने वाला इस साल से अगले साल तक अल्लाह के हिफ्ज़ो अमान मे रहता है और उसको जल्द ही सुकून व इतमिनान हासिल होने की बशारत दी जाती है। अल्लाह पाक उस बन्दे पर रहम फरमाए जिसने माहे रबीउल अव्वल की चंद रातो को ईद मीलादुन्नबी क़रार दिया ताकि जिक्रे विलादत शरीफ करना उन लोगो पर दलील हो जाए जिनके दिलो मे कमी और बीमारी है। 

इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से कारी लारैब रज़ा ने किया और निजामत मौलाना ज़फर अली हबीबी ने की मौलाना मसऊद रज़ाएहाफिज अनवर रज़ाए यासिर रज़ा ने बारगाहे रिसालत मे नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद शीरनी तक़सीम हुई इस मौक़े पर मौलाना अलमासए हाफिज एहतिशाम रज़ाए हाफिज शादाब रज़ाए मुन्ना भाईए शहज़ादे भाई आदि लोग मौजूद थे!

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