नबी की मीलाद मनाना सुन्नते इलाही व सुन्नते अम्बिया है:मौलाना सालिम मिस्बाही

तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम जशने आमदे रसूल का छठा जलसा बेगमपुरवा मे हुआ


कानपुर:तन्जीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के जेरे एहतिमाम जशने आमदे रसूल का छठा  जलसा बेगमपुरवा बगाही कर्बला के पास हुआ जिसको तरबिया इस्लामिक इंग्लिश स्कूल के डायरेक्टर मौलाना मोहम्मद सालिम मिस्बाही ने खिताब फरमाते हुए कहा कि अल्लाह तआला के फज़्ल और उसकी नेमतों का शुक्र बजा लाने का एक मक़बूले आम तरीक़ा ख़ुशी व मसर्रत का अलानिया इज़हार करना है, मीलादे मुस्तफा से बड़ी नेमत और क्या हो सकती है, यह वह नेमते उज़मा है जिसके लिये ख़ुद रब्बे करीम ने ख़ुशियाँ मनाने का हुक्म फरमाया है,,क़ुरआने पाक में है,,

एै महबूब आप फरमा दीजिये (यह सब कुछ) अल्लाह के फज़्ल और उसकी रहमत के बाइस है (जो बेसते मोहम्मदी के ज़रिये तुम पर हुआ है)  पस मुसलमानों को चाहिये कि इस पर ख़ुशियाँ मनाएँ, यह (ख़ुशी मनाना) उससे कहीं बेहतर है जिसे वह जमा करते हैं
इस आयते करीमा में अल्लाह तआला का रूए खिताब अपने हबीबे पाक से है कि अपने सहाबा और उनके ज़रिये पूरी उम्मत को बता दीजिये कि उन पर अल्लाह की जो रहमत नाजिल हुई है इस पर जिस क़दर मुम्किन हो सके ख़ुशी और मसर्रत का इज़हार करें और जिस दिन हबीबे पाक की विलादते मुबारका की सूरत में अज़ीम तरीन नेमत उन्हे अता की गई उसे शायाने शान तरीक़े से मनाएँ, इस आयत में हुसूले नेमत की यह ख़ुशी उम्मत की इज्तिमाई ख़ुशी है जिसे इज्तिमाई तौर पर जशन की सूरत में ही मनाया जा सकता है
चूँकि हुक्म हो गया है कि ख़ुशी मनाओ और इज्तिमाई तौर पर ख़ुशी ईद के तौर पर मनाई जा सकती है या जशन के तौर पर, लिहाज़ा आयते करीमा का मफहूम वाज़ेह है कि मुसलमान यौमे विलादते रसूले अकरम को ईद मीलादुन्नबी के तौर पर मनाएँ मौलाना ने आगे कहा कि जलसे मे अगर एक आदमी ने भी सुन कर अमल कर लिया गुनाहो से तौबा कर ली तो इसका सवाब जलसा कराने वाले को मिलेगा जलसे को मौलाना मोहम्मद इरफान कादरी ने भी खिताब किया जलसे की सदारत तन्जीम के सदर हाफिज़ व कारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी और क़यादत मौलाना मोहम्मद हस्सान क़ादरी ने की इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से हाफिज फुजैल रजवी ने किया हाफिज जुबैर कादरी, हाफिज तन्वीर निजामी ने बारगाहे रिसालत मे नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद नज़र पेश की गई और मुल्क की सलामती,तरक्की के साथ मुसलमानो की जान माल इज़्ज़त आबरू की हिफाज़त की दुआ की गई कन्वीनर वसीमुल्लाह रज़वी ने आए हुए मेहमानो का शुक्रिया अदा किया इस मौक़े पर हाजी शमीमुल्लाह चिश्ती, गुफरान अज़हरी, मोहम्मद अरसलान, हाफिज शौकत अली अज़हरी, नियाज़ उस्मानी,मोहम्मद इरफान  आदि लोग मौजूद थे!

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