तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम चमनगंज मे उर्स मुफस्सिरे आज़म हिन्द मनाया गया

कानपुर:हुज़ूर मुफस्सिरे आज़मे हिंद वालिदे ताजुश्शरीअह हज़रते अल्लामा मोहम्मद इब्राहीम रज़ा ख़ाँ बरेलवी अलैहिर्रहमा की तारीखे विसाल पर खिराजे अक़ीदत पेश करने के लिए तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम चमनगंज मे उनका उर्स मनाया गया इस मौक़े पर तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफरी ने कहा कि आपकी विलादत 10 रबीउस सानी 1325 हिजरी को बरेली शरीफ में हुई

आपका अक़ीक़ा मोहम्मद नाम पर हुआ और आपका यह नाम सरकारे आला हज़रत ने रखा

वालिदे माजिद ने दीने हनीफ की तरफ निस्बत करते हुए आपका नाम इब्राहीम रज़ा तज्वीज़ फरमाया जब्कि आपकी दादी जान ने पुकारने का नाम जीलानी मियाँ रखा और लक़ब मुफस्सिरे आज़मे हिंद क़रार पाया

सरकारे आला हज़रत ने आपके अक़ीक़ा पर शाहाना तौर पर एहतिमाम फरमाया और अक़ारिब के अलावा दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम के तमाम इसातिज़ा व तल्बा को भी आम दावत दी और नाजिमे मतबख़ (खाने खिलाने का इंतिज़ाम जिसके हाथ हो) को ख़ास हिदायत फरमाई कि जिन शहरों के जो तलबा यहाँ मौजूद हैं उन्हें  उनकी ख़्वाहिश (जो वह चाहें) के मुताबिक़ खाना खिलाया जाए

नाजिमे मतबख़ ने हिंदुस्तानियी तलबा के लिये हिंदुस्तानी खाना और जो तलबा जहाँ के थे उनके लिये वहाँ के खाने का इंतिज़ाम किया

ख़ानदानी दस्तूर के मुताबिक़ जब मुफस्सिरे आज़म की उम्र 4 साल 4 माह हुई तो 14 शअबान बरोज़ जुमेरात 1329 हिजरी को सरकारे आला हज़रत ने ख़ानदान व शहर के मोअज़्ज़ज़ उलेमा व मशाएख़ की मौजूदगी में रस्मे बिस्मिल्लाह ख़्वानी कराई और हाजिरीन में शीरीनी भी तक़सीम हुई

जब आपकी उम्र 7 साल हुई तो आपको दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम के इसातिज़ा के हवाले कर दिया गया

9 साल 4 माह की उम्र में दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम के जलसए दस्तारे फज़ीलत में हुज़ूर हुज्जतुल इस्लाम हज़रते अल्लामा हामिद रज़ा ख़ाँ अलैहिर्रहमा ने उलमाए इस्लाम की मौजूदगी में आपके सर पर दस्तारे फज़ीलत का ताज रखा और साथ ही अपनी नियाबत व खिलाफत से भी नवाज़ा

12 साल तक आप दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम के नामवर इसातिज़ा हज़रात से उलूम व फुनून में महारत हासिल करते रहे

आपके मुतअल्लिक़ सरकारे आला हज़रत ने इरशाद फरमाया था एक वक़्त आएगा कि जब मेरा यह बेटा (मुफस्सिरे आज़म) वहाबियों देवबंदियों की मुख़ालिफत में वह काम करेगा कि अपने दौर में सबसे आगे बढ़ जाएगा

आप सिलसिलए आलिया क़ादरीया रज़वीया के 42वें इमाम व शैख़े तरीक़त हैं

आप अपने अस्लाफे किराम के कामिल नमूना और अवाम के लिये मुक़्तदा व मश्अले राह थे

आपका विसाल 11 सफर 1385 हिजरी बरोज़ पीर सुबह 7 बजे 60 साल की उम्र में हुआ

आपका मज़ारे मुबारक ख़ानक़ाहे रज़विया बरेली शरीफ में है इस मौक़े पर फातिहा ख्वानी हुई और दुआ की गई फिर शीरनी तक़सीम हुई हाफिज़ इरफान रज़ा क़ादरी,ज़मीर खान,मोहम्मद तारिक़,मोहम्मद ताबिश,मोहम्मद मोईन जाफ़री आदि लोग मौजूद थे!

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