पैगम्बरे इस्लाम के बाद सबसे बड़ा मर्तबा सिद्दीक़े अकबर का है:मुफ्ती काजिम ओवैसी

----------तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम  जुही लाल कालोनी मे यौमे सिद्दीक़े अकबर मनाया गया-----------


कानपुर:इस्लाम के पहले खलीफ़ा  अमीरूल मोमिनीन हज़रत सैय्यदना अबूबकर सिद्दीक़ रजि अल्लाहु अन्हु मर्दों मे सबसे पहले इस्लाम क़ुबूल किया आप पहले शख्स हैं जिन्होंने पैैगम्बरे इस्लाम के साथ नमाज़ पढ़ी है हज़रते आयशा सिद्दीक़ा रजि अल्लाहु अन्हा फ़रमाती है कि खुदा की क़सम मेरे वालिद (अबू बकर सिद्दीक़) ने ज़माना जाहिलयत ही मे शराब को तर्क कर दी थी और अपने ऊपर शराब हराम करली थी आपको अल्लाह पाक ने काफ़ी इल्म से नवाज़ा था किसी सहाबा को जब किसी मसले मे दिक्कत पेश आती और हल न हो पाता तो आपकी खिदमत मे पेश कर देते थे तो उसका जवाब मिल जाया करता था इन ख्यालात का इज़हार तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम मदरसा तालीमुल क़ुरान अहले सुन्नत मस्जिद 22 ब्लाक जुही लाल कालोनी मे हुए यौमे सिद्दीक़-ए-अकबर मे तन्ज़ीम के जनरल सेक्रेट्री मुफ्ती मोहम्मद काजिम रज़ा ओवैसी ने किया तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफ़री की सदारत मे हुए जलसे को मौलाना ने आगे कहा कि हज़रत अबू हुरैरा रजि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि पैगम्बरे इस्लाम ने इरशाद फ़रमाया कि अबूबकर के माल ने मुझे जितना फ़ायदा पहुँचाया उतना किसी के माल ने नही दिया अबूबकर ने रोते हुए कहा हुज़ूर मै और मेरा माल सब आप ही का है हज़रते अबूबकर सिद्दीक़ को जन्नत के तमाम दरवाज़ो से खुश आमदीद कहा जाएगा पैगम्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं कि जो शख्स किसी चीज़ का जोड़ा खुदा की राह मे खर्च करेगा वह जन्नत के दरवाज़ो से इस तरह पुकारा जाएगा कि ऐ खुदा के बंदे इस दरवाज़े से दाखिल हो यह दरवाज़ा अच्छा है इसी तरह जो शख्स नमाज़ी है वह नमाज़ के दरवाज़े जो मुजाहिद हैं वह अहले जिहाद के दरवाज़े से पुकारा जाएगा हज़रते अबूबकर ने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह क्या कोई औसा भी शख्स होगा जो इन तमाम दरवाज़ो से पुकारा जाएगा तो पैगम्बरे इस्लाम ने  फ़रमाया मुझे उम्मीद है कि ऐ अबूबकर तुम ही ऐसे लोगो मे से हो अल्लाह ने आपको चार ऐसी चीज़ो से नवाज़ा जो किसी के पास नही पहला यह कि आपका नाम सिद्दीक़ रखा किसी दूसरे का नाम सिद्दीक़ नही रखा दूसरा यह कि आप पैगम्बरे इस्लाम के ग़ार मे साथी हैं तीसरे हिजरत मे आपके रफीक़ थे चौथा यह कि पैगम्बरे इस्लाम ने आपको नमाज़ पढ़ाने का हुक्म दिया ताकि दूसरे मुसलमान आपके मुकतदी बनें इससे पहले जलसे का आगाज़ तिलावते कुरान पाक से ओवैस रज़ा ने किया और क़ारी हारून मुशाहिदी ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद फातिहा ख्वानी हुई और पूर्व शहर क़ाज़ी की मगफिरत की दुआ की गई फिर शीरनी तक़सीम हुई इस मौक़े पर हाफिज़ खुर्शीद अहमद,इज़्हार आलम,अब्दुर्रज़्जाक,अब्दुर्रहमान,अज़ीम बरकाती,हाजी मोईनुद्दीन,जावेद ओवैसी आदि लोग मौजूद थे!


No comments:

Post a Comment