क्रांतिकारियों की याद में कानपुर के फूलबाग में फहराया गया 150 फिट ऊंचा तिरंगा
ऐतिहासिक फूलबाग का मैदान रविववार को सुबह से ही तिरंगे की आन-बान और शान में डूबा हुआ था। जैसे ही शहर सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी ने बटन दबाकर सूबे का सबसे ऊंचा और विशालकाय राष्ट्रीय ध्वज को नीले आसमान में पूरे गर्व के साथ फहराया तो लोगों के मन में देशभक्ति की हिलोरें मारता ज्वार बाहर आ गया। हर तरफ एक ही गूंज सुनाई दे रही थी वंदेमातरम। यहां पर फूलों से लिपटा प्रत्येक स्तंभ और प्रत्येक दीवार देश के प्रति सम्मान और समर्पण की प्रेरणा दे रहा था। देशभक्ति के इस माहौल में लोगों में अजीब सा जोश था। गले में तिरंगा गमछा डाले हजारों लोग झूम रहे थे। राष्ट्रप्रेम के इस नजारे के बीच 150 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज ने खुले आसमान में जैसे ही अपनी झलक दिखाई, तो आसपास का इलाका भी वंदे मातरम और भारत माता की जय जैसे नारों से गूंज उठा।
35 लाख में तैयार हुआ तिरंगा - जेसीआई कानपुर के अध्यक्ष अमित अग्रवाल और सचिव अमित जैन ने कहा कि शहर के तरक्की और उसके नाम की ख्याति फैलाने के लिए जेसीआई का यह एक प्रयास है। विशालकाय ध्वज को देखकर लोगों खासकर बच्चों के मन में देशप्रेम की भावना हिलोरें मारेगीं। देश के लिए कुछ करने का जज्बा जिंदा रहे, डेढ़ सौ फुट का तिरंगा लगाने का यही मकसद है। तिरंगे को मुंबई और सिलवासा में तैयार किया गया है। 36 गुणा 24 फिट के तीन ध्वज मुंबई में विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। जबकि इसका पोल सिलवासा, गुजरात से तैयार करवाया गया है। इस ध्वज को तैयार करने में करीब 35 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
देश भक्ति गीतों पर थिरके बच्चे - छोटे-छोटे बच्चों ने देशभक्ति से भरे गीतों पर नृत्य पेश किया। एनसीसी कैडेट्स के अलावा प्रख्यात नृत्यांगना बंदना देबोराय अपना कार्यक्रम पेश किया। विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर बिठूर स्थित स्पास्टिक सेंटर के बच्चों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। शहीदों के परिजनों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर झंडा गीत के रचयिता और शहर के गौरव श्यामलाल गुप्ता पार्षद जी के सम्मान में उनके वंशज साकेत और राजेश गुप्ता को भी सम्मानित किया गया।
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