सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने विधायक के साथ की बदसलूकी, तोड़ फोड़ की

कानपुर । निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के घोषणा होते ही भाजपा, कांग्रेस व सपा में नाराज दावेदार अपनी ही पार्टियों को निशाने पर ले लिया। कोई किसी नेता के ऊपर आरोप लगा रहा है तो कोई सीधे पार्टी के बड़े नेताओं पर निशाना साध रहें है। इसी कड़ी में रविवार को सपा कार्यालय में नाराज दावेदारों ने विधायक के साथ बदसलूकी कर दी। इसके साथ ही कार्यालय में तोड़ फोड़कर आगजनी कर दी। 
नगर निगम चुनाव में मेयर व पार्षद पद के टिकट के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी दफ्तर में रविवार जमकर हंगामा हुआ। कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में जमकर गाली गलौज हुई, यहां तक कि मारपीट की नौबत आ गई। कार्यकर्ताओं व उम्मीदवारों ने विधायक इरफान सोलंकी पर आरोप लगा धक्का मुक्की कर अभद्रता कर दी। एक पार्षद पद की दावेदार महिला प्रत्याशी के साथ भी टिकट न पाने से नाराज लोगों ने अभद्रता की। मेयर और पार्षद की सीट के टिकट के लिए अध्यक्ष पर पैसे मांगने का आरोप लगाया गया।
मेयर पद और पार्षद पद के लिए टिकट मांग रहे आवेदकों की लंबी भीड़ ने नगर अध्यक्ष के कई फैसलों के खुल कर विरोध हुआ। इस फैसले से दो गुट आमने सामने आ गये एक तरफ नगर अध्यक्ष फ़ज़ल महमूद का गुट था तो दूसरी तरफ सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी का गुट था। हालांकि मौके पर अमिताभ बाजपेयी नहीं आये थे लेकिन उनके समर्थक जिनके टिकट कटे थे उनके साथ आये लोग हंगामा करते रहे। इरफान सोलंकी और फ़ज़ल महमूद के समर्थक भी एक दूसरे के खिलाफ गाली गलौज और नारे बाजी करते रहे। कई पूर्व पार्षदों के टिकट कट गए तो कई नये कार्यकर्ताओं को टिकट मिल भी गए। इरफान सोलंकी गुट के डी 2 गैंग के  हिस्ट्री शीटर शबलू बदमाश को वार्ड 71 से टिकट मिल गया जिसका लोगों ने जमकर विरोध किया। शबलू बदमाश की दहशत के चलते लोग अमिताभ बाजपेयी गुट के कई लोग बोलने का साहस भी नहीं जुटा पाए। महिला कार्यकर्ताओं को अभद्रता के साथ धक्का मुक्की की गई। तो पूर्व पार्षद कीर्ति अग्निहोत्री जो पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता थी मेयर का टिकट मांग रही थी उसे मेयर का टिकट तो मिल नहीं उल्टा पार्षदी का भी टिकट काट दिया गया। कीर्ति अग्निहोत्री सबके सामने रोने लगी। पिछले चुनाव में कीर्ति अग्निहोत्री 2800 वोटों से जीती थी पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता होने के बावजूद उसका टिकट कट गया। उसका आरोप है कि मेयर सीट के लिए अध्यक्ष ने एक करोड़ रुपये की मांग की थी। वहीं विधायक इरफान सोलंकी का कहना है कि सबलू अपराधी नहीं है, और कीर्ति के लिए विचार किया जा रहा है। 
मामला बढ़ता देख महानगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद ने सभी को पार्टी से बाहर निकालने का हुक्म सुना दिया। जिससे नाराज कार्यकर्ताओं ने तोड़-फोड़ शुरू कर दी और बाहर निकाले जाने पर पोस्टरों को आग के हवाले कर दिया। यह देख नगर अध्यक्ष व विधायक भाग निकले और पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से नाराज लोगों को शांत कराया।  
इस दौरान सपा विधायक इरफान सोलंकी ने सफाई देते हुए कहा कि आशा निराशा हर आदमी के अंदर होती है इसीलिए यह हो रहा है। कहा कि कार्यकर्ताओं को अनुशाशन का पालन करना चाहिए और अगर अखिलेश यादव के फैसले का स्वागत करना चाहिए। विधायक ने स्वीकार किया है कि कहीं ना कहीं टिकट देने में गलती हुयी है अभी हमारे पास एक दिन का समय है हो सकता है कि कानपुर में टिकट बदले जायें।
सपा से महापौर पद की टिकट मांगने वाली कीर्ति का कहना है कि बीस साल से पार्टी की सेवा कर रही हूं। सन 2006-07 में जब सपा से पार्षद की टिकट मिली थी तब जीत हासिल की थी। इस समय बीजेपी से जो महापौर पद की प्रत्याशी प्रमिला पाण्डेय हैं उनको सन 2007 में पार्षद के चुनाव में हराया था, उन्हें महज 1200 वोट ही मिले थी। कीर्ति का कहना है की सपा से महापौर पद के लिए जब आवेदन किया तो मेरे ऊपर आवेदन वापस लेने का दबाव डाला गया। महापौर का टिकट देने से मना करने पर पार्षद का टिकट माँगा लेकिन वह भी नहीं मिला मेरी टिकट काट दी गयी। जब नगर अध्यक्ष से पूछा गया कि टिकट क्यों काटी गयी तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

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