अल जामियातुल इस्लामिया अशरफुल मदारिस गद्दियाना में 
जश्न-ए खत्म-ए बुखारी आयोजित 


कानपुर 8 मई। अल जामियातुल इस्लामिया अशरफुल मदारिस गद्दियाना में 9 मई को आयोजित होने वाली सालाना अशरफुल अम्बिया कॉन्फ्रेंस व जलसा-ए दस्तार-ए फजीलत के तीसरे दौर के प्रोग्राम में जश्न-ए खत्म-ए बुखारी का आयोजन हुआ बुखारी शरीफ की आखरी हदीस का पाठ छात्रों को हजरत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अहमद साहब किबला अशरफी मुफ्ती-ए आजम कानपुर ने पढ़ाया और उन्होंने इमाम-ए बुखारी की हयात-ए तय्यबा पर रौशनी डालते हुए कहा कि आप का जन्म 194 हिजरी और इन्तेकाल 256 हिजरी में हुआ। 62 साल की थोड़े से समय में आप ने फोनुने हदीस में बहुत सारी किताबें लिखी इमाम-ए बुखारी को लगभग 3 लाख हदीसें याद थीं इमाम-ए बुखारी अल्लाह की बारगाह में बहुत मकबूल थे उन के इन्तेकाल के बाद उन की  कब्र से मुश्क की तरह  खुशबु निकलती थी और हजारो बीमार उस मिटटी से अच्छे हो जाते  मुफ्ती दहब किबला ने छात्रों को इमाम-ए बुखारी की जिन्दगी को आदर्श बनाने की दिलचस्पी दिलाई मौलाना  मोहम्मद हाशिम अशरफी सरबराह-ए आला जामिया हाजा ने छात्रों को नसीहत करते हुए कहा की दुनयावी ओलुम के साथ साथ कुरआन एवं हदीस का ज्ञान हासिल करना बहुत ही फजिलत और खुसी की बात है उन्होने कहा कि मदारिस की मदद और छात्रों की खिदमत जन्नत के रास्ते  पर चलने के जैसा है और हदीस में है कि थोड़ी देर इल्म-ए दीन हासिल करना पूरी रात की इबादत से बेहतर है अशरफी साहब ने हाजरीन को मोखातब करते हुए कहा कि इल्म-ए हदीस पर खुसूसी तवज्जो देने की जरूरत है, लाइब्रेरी काइम की जाएं ताकि इल्म-ए हदीस और फोनूनए हदीस पर काम आसान हो सके  मुसलमान हदीस-ए रसूल को अपने लिए मिशअले राह बना ले तो कभी गुमराह न होगे। खत्म-ए-बुखारी षरीफ के प्रोग्राम में खूसूसी खिताब काजी-ए-शहर  कानपुर हजरत मौलाना रियाज अहमद साहब हषमती ने फरमाया कि रोटी, कपड़ा, मकान का शौक कम करो, बच्चों को जरूर पढ़ाओ। जरूरत के मुताबिक इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द औरत पर फर्ज है। प्रोग्राम के इख्तेताम पर उन्होंने आलम-ए-इस्लाम और मुल्क में अमनो अमान और खुषहाली के लिये दुआ फरमाई। इस प्रोग्राम में मेहमान-ए खुसूसी की हैसियत से आए हुए जनाब अलहाज मोजम्मिल हुसैन साहब का इस्तेकबाल गुलपोशी के जरिये किया गया इस से पहले प्रोग्राम की शुरूआत कारी मोहम्मद उसमान साहब ने तिलावते कुरआन से किया। कारी अख्तर कानपुरी ने नातिया कलाम पेश किए और खुसूसी खिताब मौलाना मोहम्मद रियाज अहमद साहब काजी-ए शहर कानपुर ने किया। सलातो सलाम पर प्रोग्राम का इख्तेताम हुआ इस मौके पर खास तौर से मुफ्ती मोहम्मद इम्तेयाज, मोहम्मद शफीक, रसूल बख्श, सुब्बा भाई, मोहम्मद इदरीस, हाफिज मिन्हाज, हाजी अब्दुल हमीद, मोहमद अकील और मास्टर अशफाक साहब मौजूद रहे। 

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