शबे-बराअत में लोग इबादत करके अल्लाह को राजी करेंगे
चमनगंज से निकाली गई शबे-बराअत बेदारी रैली 


कानपुर। बे बराअत में सारे हिकमत वाले काम बांटे जाते हैं। अल्लाह तआला शाबान में रहमत के तीन दरवाजे खोल देता है। शबे बराअत में बनू कल्ब की बकरियों के बालों के बराबर अल्लाह तआला गुनाहगारों की मगफिरत फरमाता है। पैगम्बरे इस्लाम का महीना है शबे बराअत। शबे बराअत में खूब -खूब इबादत करें। गुनाहों से छुटकारे की रात है षबे बराअत। पटाखा जलाने से दूर रहें। बाइक स्टंट न करें। फिजूल घूमकर रात बर्बाद न करें। अपने बुजुर्गों की कब्रों की जियारत करें। इसी रात मौत और जिन्दगी का फैसला होता है। 14 और 15 शाबान को रोजा रखें। ये अजीम तरीन रात मोमिनीन की बख्शिश और मगफिरत, निजाते आखिरत, रिज्क में बरकत व उसअत और तरक्की-ए-दरजात के लिये खुदा-ए-तआला के लिये बन्दों के लिए अनमोल तोहफा है। इस मुबारक रात का ऐहतराम करके अल्लह तआला की रहमत, मगफिरत का एक बड़ा हिस्सा जमा कर सकते हैं। जो लोग खेल-कूद, अफरा-तफरी में ये रात गुजार देते हैं उन्हें महरूमी, गुनाह के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता। नारों की गूंज में मदरसा हमीदुल उलूम चमनगंज के तत्वावधान में काजी-ए-शहर कानपुर हजरत मौलाना मोहम्मद आलम रजा खां नूरी, हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद अकमल अशरफी व समाजी मिल्ली व दीनी कारकुन मोहम्मद शाह आजम बरकाती के नेतृत्व में मोहम्मद अली पार्क शबे-बराअत बेदारी रैली निकाली गई। रैली में सैंकड़ों बच्चों के अलावा प्रमुख रूप से हाफिज अब्दुल रहीम बहराइची, रैली के संयोजक मोहम्मद शाह  आजम बरकाती, एस के रिजवान, एस एम जाहिद इरफान, अलमाज, लियाकत अली, उमर सलीम, जावेद साहिल, मो. अयाज चिश्ती  उपस्थित थे। 

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