जश्ने ग़ौसुलवरा व इस्लाहे मुआशिरा का दसवॉ जलसा हीरामन पुरवा में आयोजित

कानपुर। पीराने पीर दस्तगीर सरकार गौस-ए-आज़म शेख मुहीउद्दीन अब्दुल क़ादिर जीलानी रजि अल्लाहो अन्हु की बारगाह में खिराजे अक़ीदत पेश करने के लिए तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम आठवाँ सालाना ग्यारह रोज़ा इजलास जश्ने गौसुलवरा व इस्लाहे मुआशिरा का सिलसिला जारी है जिसका दसवॉ जलसा हीरामन पुरवा मस्जिद हाजी दानु में हुआ। जिसकी सरपरस्ती तन्ज़ीम के सरपरस्त-ए आला मुफ्ती सैयद मोहम्मद अकमल अशरफी व सदारत तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफ़री ने की। मौलाना मुर्तज़ा हुसैन शरीफी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि गौस-ए-आज़म को अल्लाह पाक ने बेपनाह फज़्लो कमाल से नवाज़ा कोई मंगता भी आपके दर से खाली न गया हर एक की आपने मदद की। आपकी वालिदा क़ुरआन पाक की तिलावत करती है आप अपनी मॉ के पेट मे है जब आपकी विलादत (पैदाईश)  हुई तो आपको कुरआन पाक के 18 पारे हिफ़्ज़(बिना देखे) थे इसीलिए दौराने हमल औरतो को बहुत एहतियात करना चाहिए नमाज़ और कुरान की तिलावत करना चाहिए। बुराईयो से बचना चाहिए जैसा काम औरत करेगी उसका असर उस बच्चे मे पड़ता है मौलाना ने आगे कहा कि एक बार गौसे आज़म एक दरिया के रास्ते से गुज़र रहे थे तो देखा एक उर्म दराज़ औरत दरिया के पास आंसू बहा रही है आपने पूछा क्या बात है उस औरत ने कहा कि मेरा बेटा व बाराती यह सब दरिया मे डूब गये है जिसको 12 साल हो गये है रोज़ाना इन्तिज़ार करती हूं कि कोई अल्लाह वाला आएगा और मेरे बेटे की डूबी हुई कश्ती को बाहर निकालेगा आपने फरमाया परेशान मत हो आपने अल्लाह की बारगाह मे दुआ की, थोड़ी देर बाद ज़माने ने देखा कि 12 साल पहले की डूबी हुई कश्ती दरिया के ऊपर तैरती दिखी यह देखकर उस औरत के चेहरे पे मुस्कुराहट आ गई और उनका बेटा व सभी बाराती सही सलामत दरिया से बाहर आ गए। 

इस पर बरेली शरीफ के शहज़ाद-ए-आला हज़रत हुज़ूर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द फरमाते हैै कि (जो डूबी थी कश्ती वह दम मे निकाली,तुम्हे ऐसी क़ुदरत मिली गौसे आज़म) यह ताक़त अल्लाह ने गौसे आज़म को अता फरमाई। इससे पहले जलसे का आगाज़ तिलावते कुरान पाक से हाफिज़ मोमिन ने किया और निजामत दिलकश रज़ा ने की। मौलाना मोहम्मद मेराज, मोहम्मद एजाज़ ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद शीरनी तक़्सीम की गई। इस मौके पर मौलाना मोहम्मद उमर क़ादरी, मौलाना मोहम्मद शाकिर, भैया भाई, मुन्ना भाई, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद फहीम, छोटू आदि लोग मौजूद थे। 

इसी तरह तन्ज़ीम का ग्यारहवां जलसा प्रेम नगर गुरुद्वारा के पास आयोजित हुआ, जिसकी सदारत तन्ज़ीम के सदर हाफिज व क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफ़री ने की। मौलाना आदिल रज़ा अज़हरी ने सरकार गौसे आजम की सीरत बयान की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ इस मौक़े पर खत्म-ए-क़ादिरया का भी एहतिमाम किया गया। हाफिज इरफान कादरी, हाफिज मुशर्रफ, हाफिज सकलैन, हाफिज अय्यूब, मोहम्मद शादाब रज़ा, मोहम्मद शारिक मंत्री, अब्दुस्सलाम आदि लोग मौजूद थे।

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