मौत उसकी है करे जिसका जमाना अफसोस, यूं तो दुनियां में सभी आएं हैं मरने के लिए


अमनो अमान के प्रतीक पूर्व शहर क़ाज़ी कानपुर को श्रद्धांजलि दी गई ।कुली बाजार के राईन हाल में शहर के अमन व सौहार्द के प्रतीक रहे शहर क़ाज़ी कानपुर हज़रत मौलाना मोहम्मद आलम रज़ा खां नूरी अलैहिर्रमा व अनवर महबूब खान की याद में मुशायरा/ व कवि सम्मेलन शहर क़ाज़ी कानपुर  मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही की अध्यक्षता में कुल हिंद जमीयतुल अवाम के बैनर तले आयोजित किया गया। जिसमें शहर के नामवर शोरा व उलमाए किराम ने अपने कलाम के जरयह शहर क़ाज़ी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की ।इस अवसर पर वक्ताओं ने पूर्व शहर क़ाज़ी व अनवर महबूब के कारनामों को याद करते हुए कहा कि जब भी शहर में हालात बिगड़े शहर क़ाज़ी साहब व उनके साथी सबसे आगे आकर अमनो अमान के लिए फिजा हमवार करते नजर आए हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई एकता अखंडता के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किए उनकी सोच थी कि सभी धर्मों के लोग आपस में मेल मोहब्बत के वातावरण में स्वतंत्र होकर अपने अपने धर्मों की मान्यताओं के अनुसार ज़िन्दगी गुजारे सभी एक दूसरे के धर्म का सम्मान करें ताकि सुंदर वातावरण स्थापित हो  हम उनके मिशने अमनो मोहब्बत को आम करें एकता अखंडता के लिए काम करें और हर धर्म के अनुयायियों से प्रेम की भावना जगाए यही शहर क़ाज़ी साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी । मुख्य रूप से संयोजक महबूब आलम खान मुफ्ती शहर मुफ्ती हनीफ बरकाती मुफ्ती रफी अहमद शायर शब्बीर कानपुरी शायर शादाब राजधानी जमीर जायसी कवि गुरु प्रकाश श्रीवास्तव डॉ हरनारायण मिश्रा हाजी इरफान मौलाना जियाउर रहमान मौलाना जकाउल्लाह मौलाना नौशाद रजा इस्लाम खान आजाद अखलाक अहमद डेविड डॉ निसार सिद्दीकी इमरान एडवोकेट अयाज चिश्ती आदि थे।


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