कानपुर में उफनाई मोक्षदायिनी गंगा, 
चार सौ से अधिक गांवों में घुसा पानी

- ग्रामीणों का पलायान जारी, शिविरों में पहुंचे करीब चार हजार बाढ़ पीड़ित

कानपुर । उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश के साथ बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते कानपुर में मोक्षदायिनी गंगा उफना गयीं हैं और खतरे के निशान को किसी भी समय छू सकती हैं। जबकि समाचार लिखे जाने तक गंगा चेतावनी बिन्दु से बराबर ऊपर चल रही है। जिससे कानपुर और उन्नाव जनपद के गंगा किनारे बसे हुए सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है। हालांकि जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाने का काम कर रहा है। 

कानपुर जनपद सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है। वहीं पहाड़ों पर भी तेज बारिश हो रही है। इसके साथ ही नरौरा सहित कई बांधों में पानी के बढ़ते दबाव के चलते बराबर पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते मोक्षदायिनी गंगा कानपुर में चेतावनी बिन्दु को दो दिनों से पार किये हुए है। ऐसे में कानपुर गंगा बैराज पर पानी का अधिक दबाव बढ़ रहा है और दिन में तीन से चार बार सभी गेट खोले जा रहे हैं। जिससे कानपुर और उन्नाव जनपद के सैकड़ों गांवों में पानी घुसने लगा और लोग बाढ़ शिविरों को भागने लगे। हालात यह हो गये हैं कि कानपुर के बिल्हौर, शिवराजपुर और बिठूर के अलावा उन्नाव जनपद के कटरी क्षेत्र के सैकड़ों गांवों का सम्पर्क मार्ग कट गया है और गांवों में नावें चलने लगी है। कानपुर जिला प्रशासन ने इस बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगां के लिए 400 सौ से अधिक बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना की। यह सभी शिविर धर्मशाला, सरकारी स्कूलों के साथ-साथ शेल्टर होमो में है। एडीएम वित्त संजय चौहान ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ शिविरों के साथ साथ 150 बाढ़ चौकियां पूरे जिले में स्थापित की है। इसके साथ ही सभी बाढ़ चौकियों में तीन-तीन राजस्व कर्मचारियों को लगाया गया है। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने 600 से अधिक नावों को लगाया गया है। इसके साथ ही जल पुलिस के साथ में स्टीमर और मोटर बोट का भी उपयोग किया जा रहा है। कहा हालात खराब हैं और इसके लिए आज बैठक की जाएगी और जरुरत पड़ने पर सेना की भी मदद ली जा सकती है। इसी तरह उन्नाव जिला प्रशासन कटरी के क्षेत्रों में लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रयासरत है। जानकारी के मुताबिक कानपुर और उन्नाव जनपद के करीब चार सौ से अधिक गांवों में पानी घुस गया है और चार हजार से अधिक लोग बाढ़ पीड़ित शिविरों में पहुंच चुके हैं। 
खतरे के बिन्दु को छूने को बेताब गंगा
गंगा बैराज के गेज रीडर उत्तम पाल ने बताया गंगा में लगातार पानी बढ़ रहा है जिससे गंगा बैराज में भी पानी का दबाव बढ़ रहा है। जिसके चलते दो दिन से लगातार दिन में दो से चार बार गंगा बैराज के सभी गेट खोले जा रहे हैं। बताया कानपुर में गंगा का चेतावनी बिन्दु 113 मीटर है और खतरे का निशान 115 मीटर है। लेकिन दो दिनों से लगातार गंगा बैराज में गंगा चेतावनी बिन्दु से ऊपर चल रहीं हैं। बताया कि आज सुबह छह बजे 114.21 मीटर तक गंगा पहुंच चुकी थी। कहा कि अगर पानी न छोड़ा जाता तो खतरे के निशान 115 मीटर को गंगा छू सकती थी। 
गांवों के मुख्य मार्गों पर बह रहा पानी
गंगा के बढ़ते जलस्तर से कानपुर और उन्नाव जनपद के सैकड़ों गंगा के तराई क्षेत्रों के गांवों में पानी पहुंच गया है। यहां पर रहने वाले हजारों लोगों के घरों में पानी भर गया है। उन्हें घर छोड़कर पलायन करना पड़ रहा है। यहां के गांवों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कटरी के प्रधान अशोक कुमार निषाद ने बताया कि गांव का संपर्क मार्ग पूरी तरह कट चुका है। हालांकि जिला प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहा है और आज बाढ़ पीड़ितों को नावों के जरिये राहत सामग्री वितरित करायी गयी। कहा, गंगा के किनारे हजारों बीघे खेती पूरी तरह से जलमग्न हो गयी है जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो गया है और गांवों में पानी भरने से घर से भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। 
इन गांवों में घुसा पानी 
गिलबट अमीनाबाद, आंकिन, राधन, शिवराजपुर के सरैयां, बिलहन, दुर्गापुर, खुजकीपुर, चौबेपुर के बरुआ, सुनौड़ा, वाजिदपुर, सलेमपुर, भगवानदीन का पुरवा, बाकरगंज, हिंगूपुर, प्रतापपुर हरी, मक्कापुरवा, शंकरपुर सराय, कटरी ज्योरा, कटरी लुधवाखेड़ा, ईश्वरीगंज, हृदयपुर, चिरान, तिश्जा, पपरिया, दल्लापुरवा, भारतपुरवा, शिवदीन का पुरवा, दुर्गा पुरवा, गंगारामपुर, देवनीपुरवा, घारमखेड़ा, मोहनपुरवा, रामसिया का पुरवा आदि गांवों में गंगा का पानी घुस गया है। 
बैराज मार्ग व बिठूर-परियर मार्ग बंद
गंगा नदी का प्रवाह खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है और तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। इसी के चलते बैराज मार्ग, बिठूर से परियर जाने वाला मार्ग और शिवराजपुर से उन्नाव की सड़क पर बने पुलों पर खतरा बढ़ने से आवागमन बंद कर दिया गया है। गंगा का पानी पुल की निचली सतह को छूने लगा है और पिलरों को सिर्फ ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। शिवराजपुर मार्ग पर उन्नाव की ओर कटान होने से सड़क बह गई है। अब जलस्तर बढ़ना शुरू होने से बाढ़ और भी विकराल होगी। उन्नाव क्षेत्र में 24 घंटे से बाढ़ के पानी से घिरे गावों को खाली कराने में लगे प्रशासन की फिक्र और बढ़ गई है। लोगों को जल्द से जल्द गावों से निकालने की कोशिशों के साथ ही प्रशासन ने पीएसी और जल पुलिस को सतर्क कर दिया है। जिलाधिकारी कानपुर नगर विजय विश्वास पंत ने कहा है कि किसी भी वाहन को इन पुलों से ना गुजरने दें फिर कोई पैदल भी जाना चाहे तो उसे रोक दिया जाए क्योंकि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेन्द्र सिंह भोले व बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा लगातार बाढ़ पीड़ितों को राशन सामग्री पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। 

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