विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 
रैली निकाल स्कूली छात्रों ने धूम्रपान का किया विरोध

कानपुर । समाज के लिए कोढ़ बने धूम्रपान को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्कूलों छात्रों ने रैली निकाल विरोध दर्ज कराया। स्कूली छात्रों ने तंबाकू जानलेवा है, जीवन से रोग मुक्त जीने की हो चाहत, नियमित योग करने की डालो आदत, जीवन को स्वस्थ बनाओ, जंक फूड को दूर भगाओ आदि नारे लगाते हुए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया। 
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शनिवार को रामआसरे पार्क से स्कूली छात्रों के साथ सामाजिक संगठनों के लोगों ने विशाल स्वास्थ्य जागरूकता रैली निकाली। रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कुमार शुक्ला ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली बड़ा चौराहा, फूलबाग, सरसैया घाट, कचहरी होते हुए फिर रामआसरे पार्क में आकर समापन हुई। मुख्य चिकित्साधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि इस बार का विश्व स्वास्थ्य दिवस विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा तथा स्वच्छता पखवाड़े के बीच में पड़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. प्रवीण कटियार ने कहा कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी के लिए सभी जगह हेल्थ कवरेज की थीम दी है। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि एक वर्ष से 15 वर्ष तक का कोई भी बच्चा दिमागी बुखार के टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए। इस दौरान छात्रों ने हाथ धुलेंगे साबुन से तो रोग मिटेंगे, जीवन से रोग मुक्त जीने की हो चाहत, नियमित योग करने की डालो आदत, जीवन को स्वस्थ बनाओ, जंक फूड को दूर भगाओ, गुटखा छोड़ो, पान छोड़ो, शराब सिगरेट धूम्रपान इत्यादि को छोड़ने के लिए नारे लगाए तथा पैदल चलने के लिए सेहत के लिए लाभदायक व स्वस्थ होने के नारे लगाए। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य डा. गीता मिश्र ने कहा कि हम सभी को धूम्रपान नहीं करना चाहिए यह हमारे शरीर में कई प्रकार के रोग उत्पन्न कर देते हैं। जिससे ब्लड कैंसर, कैंसर और तमाम तरीके के नशीले पदार्थ करने से व्यक्ति को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कहा कि हम सभी लोग यह अभियान चलाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं कि आप लोग नशा पत्ती मुक्त करें क्योंकि यह नशा पत्ती करने से हमारे शरीर पर बहुत इफेक्ट पड़ता है। आज हम सभी या बच्चों के साथ जागरूकता रैली निकालते हुए सभी को यह संदेशा देना चाहते हैं कि आप सभी लोग धूम्रपान ना करें और लोगों को बताएं कि यह सेहत के लिए हानिकारक है। इस अवसर पर कई स्कूलों के छात्र-छात्राएं व सामाजिक संगठनों के करीब एक हजार लोगों ने भाग लिया। इस दौरान डा. उमाकान्त, डा. शैलेन्द्र तिवारी, डा. अवधेश सिंह, डा. मुन्ना लाल विश्वकर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता अनीता दुआ, नीलम चतुर्वेदी, कुलजीत कौर, मनप्रीत कौर आदि मौजूद रहें। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अशोक कुमार शुक्ला ने खास बातचीत में कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के प्रति दुनियाभर के लोगों को जागरूक करने के मकसद से डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) की तरफ से वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1948 में आज के ही दिन हुई थी और पिछले 60 साल से हर साल सात अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। सेहत के प्रति जागरूक होने के लिए जरूरी है कि हम उन बीमारियों के बारे में जानें जिससे दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं। बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया की 10 सबसे घातक बीमारियां हैं जिनकी चपेट में आकर हर साल सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। कहा कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज बीमारी (दिल की बीमारी) इस वक्त दुनिया की सबसे घातक बीमारी है। जिसकी वजह से एक साल में दुनियाभर में लगभग 88 लाख लोगों की मौत हो जाती है। दुनियाभर के 15.5 प्रतिशत लोगों की मौत के पीछे यही बीमारी जिम्मेदार है। इसके बाद सबसे घातक बीमारियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है ब्रेन स्ट्रोक। जिसकी वजह से साल लगभग 62 लाख लोगों की मौत होती है। इसके बाद श्वास संबंधी संक्रमण बीमारी लोअर रेस्परेट्री इंफेक्शन का नंबर आता है। इससे दुनियाभर में लगभग 32 लाख लोगों की मौत हो जाती है। फेफड़ों से जुडी लांग टर्म बीमारी क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज से करीब 31 लाख लोग मौत के गाल में समा जाते हैं। इसी तरह वातावरण में मौजूद जहरीले कण और धूम्रपान से रेस्परेट्री कैंसर से लगभग 40 लाख लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे ही डायबीटीज, ऐल्टशाइमर्स डिजीज, डिहाईड्रेशन या डायरिया, ट्यूबरक्योलोसिस या टीबी व लिवर सिरॉसिस बीमारी हैं जो हर वर्ष लाखों लोगों के मौतों का कारण बनती हैं। इसी के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन रोगों के प्रति जागरूकता और उसके बचाव के लिए विश्व स्वाथ्य दिवस हर वर्ष सात अप्रैल को पूरे विश्व में मनाने के लिए प्रेरित करता है। 

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