डीपीएस बर्रा में वार्षिकोत्सव ‘उमंग - 2017’ का आयोजन 

दिल्ली पब्लिक स्कूल बर्रा, कानपुर में दिनांक 07 दिसम्बर 2017 को वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘उंमग’ का आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त छत्र - छात्राओं ने पूरे उत्साह व उल्लास के साथ भाग लिया। विद्यालय भवन रंग - बिरंगी विद्यूत लड़ियों से सुसज्जित अत्यन्त मनोहर लग रहा था। विद्यालय प्रागंण में एक अद्भुत मनमोहक मेले के परिदृश्य ने सभी आगन्तुकों को आश्चर्यचकित कर दिया। इस रंगररंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर विद्यालय की प्रो0 वाइस चेयरपर्सन श्रीमती बंदना मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की शोभा को और बढ़ा दिया। विशष्ट अतिथि के रूप में विद्यालय के संस्थापक श्री आलोक मिश्रा, विद्यालय की निदेशिका व दिल्ली पब्लिक स्कूल आज़ाद नगर की प्रधानाचार्या श्रीमती रचना मोहोत्रा, प्रबन्ध समिति के सदस्य श्री देवव्रत मिश्रा के साथ डी0 पी0 एस0 सर्वोदय नगर की मुख्याध्यापिका श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, आज़ाद नगर की मुख्याध्यापिका श्रीमती सोनी भार्गव एवं पुनीता कपूर, डी0 पी0 एस0 किदवई नगर की प्रभारी श्रीमती अलका जोशी तथा नगर के संभ्रंात नागरिकगण उपस्थित थे। सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती मिश्रा, विशिष्ट अतिथि श्री आलोक मिश्रा के साथ उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों ने ज्ञान के प्रतीक दीप का प्रज्जवलन कर संास्कृतिक कार्यक्रम ‘उंमग’ का शुभारम्भ किया। 
वार्षिकोत्सव के इस शुभ अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या शिल्पा मनीष ने वार्षिक आख्या प्रस्तुत करने के साथ पधारे सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्हें विद्यालय के शैक्षिक व कलात्मक गतिविधयों से अवगत कराया। 
अत्यन्त छोटे - छोटे बच्चों ने भी पूर्ण आत्मविश्वास के साथ अपनी कला का मंचन कर यह सिद्व कर दिया हम बड़े ही उन्हें नाजुक, कोमल समझकर उन्हें दायरों में बाॅंधे रखना चाहते हैं जबकि उनमें अपार प्रतिभा भरी है। 
रंगारंग कार्यक्रम का शुभारम्भ देवाधिदेव महादेव की स्तुति से किया गया। शिव पच्चाक्षर स्त्रोत के उच्चारण करने मात्र से ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इस संसार की सभी असन्तुष्ट व व्याव्य वस्तुओं को शिव ने अपनाया। शिव के इस अलौकिक स्वरूप की वंदना दक्षिण भारत की सुप्रसिद्ध नृत्यशैली भरातनाट्यम् के माध्यम से आकर्षक वेशभूषा में की गई।
बच्चों की दुनिया में कार्टून चरित्रों की जगह सबसे अहम होती है। स्नेहीजन की ही तरह सुपरहीरो भी उनके निए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सारा प्रांगण तालियों की गड़गडाहट से गूॅंज उठा जब बैटमैन, आइरन मैन, स्पाइडर मैन आदि सुपर हीरो मंच पर उपस्थिित हुए। अभिभवक स्वंय को अपने बालपन की यादों में खोने से रोक नहीं पाए। 
कला के पारंपरिक रूप को एक नए अंदाज में प्रस्तुत करने के लिए किदवई नगर के कक्षा 4 व 5 के छात्र / छात्राएॅं जब मंच पर उतरे तो सभी उनके इस अद्भुत कौशन को देखकर अचम्भित रह गए। भारतीय लोक नृत्य को एक नए रूप में प्रस्तुत किया गया। 
पाॅंच नदियों का आब कहे जाने वाले प्रदेश पंजाब की प्रमुख विशेषता वहाूं के लोगों द्वारा जिन्दगी को भरपूर जीने की कला है। उमंग, उत्साह व मस्ती से भरे छोटे - छोटे पंजाबी भॅंगड़ा व गिद्दा नृत्य करते मंच पर आए तो सारे उर्शकों के पैर खुद व खुद ही थिरकने लगे। 
भारत लोक संस्कृतियों की भूमि रही है। गुजराती अपने खान - पान, सरल व्यवहार के साथ अपनी भक्तिपूर्ण छवि के लिए वि,यात रहे हैं। कक्षा 2 व 3 के छात्र/छात्राओं ने गरबा व डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर सभी को झूमने पर विवश कर दिया।
भारतीय नृत्य शैली हो या पाश्चात्य शैली विद्यालय के नौनिहाल सभी शैलियों में नुत्य करने में पारंगत दिखाई दे रहे थे। कक्षा 4 व 5 के छात्र/छात्राओं ने हिपपोप नृत्य शैली में नृत्य करके सबको स्तब्ध कर दिया।
चेहरा व्यक्ति के व्यक्तित्व का आइना होता है नेकिन अगर उसी पर कोई और बनावटी मास्क लगा लिया जाए तो असली चेहरे को पहचानना मुश्किल हो जाता है। मास्क पहनकर अनी अनोखी पहचान बनाने के लिए रंग - बिरंगे परिधानों में कक्ष 5 व 6 के छात्र/छात्राएॅं मंच पर उतरे तो वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गॅंज उठा।
भारत में पाश्चात्य संस्कृति के अनुकरण से वातावरण के खराब होने की बात अक्सर सुनाई देती है। परन्तु मंत्र पर जब महाराष्ट्री लावनी के साथ माइकल जैक्सन की नुत्य शैली का मिलाजुला रूप देखने को मिला तो बच्चों का उत्साह व ऊर्जा के उनका अनोखा तालमेल देखते ही बनता था। उनकी अद्भुत कला को देखकर सभी ठगे से रह गए। इस झण्डी मिक्स नृत्य को किदवई नगर के नौनिहालों द्वारा प्रस्तुत किया गया। 
नारी मोह, माया, दया, प्रोम के साथ शक्ति वे धैर्य का भण्डार भी है। उसमें हजारों मानवीय रिश्ते समाहित करने की सामथ्र्य है। सृष्टि का हर रूप उससे ही पूर्णता प्राप्त करता है। नारी के इसी शकित व सम्पन्नता को कक्षा 8, 9 व 10 की छात्राओं द्वारा बड़े ही अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया गया। 
कार्यक्रम की अगली कड़ी में उपस्थित जन - समुह को बेटी का जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान है। यह एक पिता द्वारा बताया गया। बेटी जो माॅं की ममता, पिता की पॅंूजी होती है वहीं बेटी युवा होने पर दो कुलों की शान बन कर एक मजबूत कड़ी की महती भूमिका निभाते हुए सभी को जोड़े रखती है। इस प्रस्तुमि ने सभी को अपनी-अपनी बेटियों के प्रति भाव विभेर कर दिया। 
वार्षिकोत्सव की प्रस्तुति में ऊर्जा, उत्साह के साथ उन्नत तकनीक का होना भी बहुत जरूरी है। किसी भी कार्य की सफलता उसके क्रियान्वयन की तकनीक पर निर्भर होता है। विालय की उच्च कक्षाओं के छा,ों ने निन्जा तकनीक के द्वारा भाईचारे की शक्ति व सामथ्र्य को बड़े ही कौशल के साथ प्रस्तुत किया।
संसार में व्याप्त अंधकार अज्ञान व अशिक्षा का ही परिणम है। इसे दूर करने का एकमात्र उपाय शिक्षा प्राप्ति ही है। यह प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। जब सब पढ़ंगे तळाी सब आगे बढ़ंेगे किअवई नगर के नन्हे - मुन्नों ने सह प्रण लिया कि वे देश से अशिक्षा के अंधकार को मिटाने के लिए सभी में शिक्षा की अलख जगाएॅंगे ताकि सभी खुशहाल हों। सभी बुराइयों का नाश शिक्षा द्वारा ही संभव है। शिक्षित व भ्रष्टाचार व आतंकवाद जैसी बुराइयों का उपचार शिक्षा द्वारा ही संभव है।
ईश्वर ने इंसान बनाया और इंसान ने इस दुनिया को धैर्य, जाति और भाषा में बाॅंट दिया। वह अपने सबसे बड़े धर्म इंसानियत को भूल नफरत की जंग करने लगा। आज हर इंसान अपने स्वार्थ की सिद्वि हेतु ईष्र्या, द्वेष व घृणा जैसे अस्त्रों का सहारा ले रहा है। डी0 पी0 एस0 बर्रा ने मंच से विश्व शांति का संदेश देते हुए उसके महत्व को सभी को बताया कि शांति से ही सभी की उन्नति प्रगति संभव है। 


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