वायु सेना की 85 वीं वर्ष गांठ पर
लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों का गौरवशाली व सफल प्रदर्शन
उन्नाव 24 अक्टूबर । वायु सेना की 85 वीं वर्ष गांठ पर आज क्षेत्र के ग्राम खम्भोली के निकट लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर आज वायु सेना के करीब दो दर्जन लड़ाकू विमान गरजे तथा गौरवशाली व सफल प्रदर्शन किया । भारत के वीर सपूत सैनिक चालकों ने ज्योही आसमान में करतब दिखाना शुरू किया ,मौके पर मौजूद हजारों दर्शकों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। बमवर्षक विमानों ने बारी-बारी से हवाई पट्टी पर टच डाउन किया और तेज गर्जना के साथ आसमान में विलीन हो गए। हवाई पट्टी के दोनों ओर स्थित सर्विस रोड पर हजारों दर्शक सुपर सोनिक जेट विमानों की प्रतीक्षा कर ही रहे थे कि तभी प्रातः ठीक 10:12 मिनट पर वायु सेना का हरक्यूलिस सी 130 मालवाहक विमान नीचे उड़ान भरते हुए मध्यम ध्वनि के साथ हवाई पट्टी पर उतरा। इस माल वाहक विमान से पहले 10 जांबाज गरुड़ कमांडो निकले और उन्होंने आनन फानन अपनी पोजीशन ले ली। उनके एक्शन से ऐसा लग रहा था कि जेसे हवाई पट्टी नहीं बल्कि युद्ध का मैदान हो ।तभी विमान से वायु सेना की एक जीप निकली। जिसमें कई शीर्ष अधिकारी बैठकर हवाई पट्टी के किनारे बने कंट्रोल रुम में चले गए। बाद में यह विमान हवाई पट्टी से उड़ान भरकर आसमान में ओझल हो गया । दर्शकों का रोमांच उस समय चरम पर जा पहुंचा जब् तेज आवाज़ के साथ पहला मिराज 2000 विमान हवाई पट्टी पर टच टच डाउन करता हुआ आसमान में छु मन्तर हो गया । इसी तरह कई लड़ाकू विमान ध्वनि की रफ्तार से भी अधिक गति से गुजरे और आसमान में करतब दिखाते हुए पूरब की ओर चले गए ।करीब आधा घंटा अंतराल के बाद कारगिल युद्ध में भाग ले चुके बमवर्षक विमान सुखोई 30 एयर स्ट्रिप पर टच डाउन किया और डबल साइलेंसर वाले करीब आधा दर्जन विमान बारी-बारी से उतरे और कलाबाजी दिखाते हुए गंतव्य को रवाना हो गए। दर्शक हवाई पट्टी पर उतरे भारी भरकम जैगुआर विमान को तो एक टक निहारते ही रहे। इस विचित्र आकृति और गति वाले विमान को देखकर दर्शको ने दांतो तले उंगलिया दबा ली । भयानक आवाज के साथ जब जैगुआर ने बांगरमऊ की धरती को चूमा तो दर्शक हाथ हिलाकर चालकों को बधाई देने लगे। विमान के टच डाउन करते ही ऐसा लगा कि मानो बाज किसी पक्षी पर झपट्टा मारकर उड़ गया गया हो। युद्धाभ्यास में विंग कमांडर एबी शब्बीर, एन वाई फारुकी, वीं सलारिया , एन दीक्षित, महिपाल सिंह, आशीष सागवान, अमित दुबे, रोहित कटोच तथा ग्रुप कैप्टन आकाश चोपड़ा एवं अभिलाष आदि वायु सेना के अधिकारियों ने अपनी ताकत का एहसास कराया ।
बांगरमऊ उन्नाव। हवाई पट्टी पर आयोजित प्रदर्शन वायु सेना मध्य कमान इलाहाबाद के नेतृत्व में किया गया। इसी एयरफोर्स स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि इन में सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान सुखोई 30 है। जिसकी गति 2175 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान एक बार इधन भरने के बाद लगातार चार से 5 घंटे तक उड़ान भर सकता है। इस विमान की विशेषता यह है कि रात और दिन दोनों समय में दुश्मन के ठिकाने पर अचूक वार कर सकता है। यह एक टन से अधिक बम और लंबी दूरी की मिसाइल ले ले जाने और अचूक निशाना साधने में सक्षम है ।
मिराज 2000 विमान हालांकि एक टन वजनी बम और छोटी मिसाइल ले जाने में ही सक्षम है ।लेकिन दुश्मन पर पलक झपकते ही हमला कर उसे नेस्तनाबूद करने की ताकत रखता है ।मिराज और जैगुआर दोनों में उड़ान भरने के दौरान आसमान में ही ईंधन भरा जा सकता है।
लड़ाकू विमानों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शायद वायुसेना स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भरोसा नहीं था ।इसीलिए कुमाऊं रेजीमेंट के करीब एक सैकड़ा सशक्त जवान एयर स्ट्रिप के चारों ओर तैनात किए गए ।इन जवानों की ऐसी मुस्तैदी की परिंदा तक पर ना मार सके।
सर्वप्रथम जब तीन मिराज बारी-बारी से लैंड और टेक ऑफ कर रहे थे तभी अचानक एक चील हवाई पट्टी के ऊपर मंडराने लगी ।चील पक्षी को आसमान पर मंडराते देख वायु सेना के अधिकारी सतर्क हो गए और अधिकारियों के निर्देश पर एक जवान ने दना दन आसमान पर कई हवाई गोले दागे ।गोले की आवाज सुनकर चील पक्षी गायब हो गई। वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार पक्षी के टकराने से विमान को क्षति हो सकती थी।
युद्धाभ्यास को देखने के लिए यूपीडा ने प्रिंट मीडिया के लिए चार पंडालों में लगभग 600 कुर्सियों की व्यवस्था की थी। लेकिन मीडिया कर्मियों के बजाए सभी कुर्सियों पर पुलिसकर्मियों का कब्जा दिखा।
युद्धाभ्यास के दौरान दर्शक दीर्घा समाजवादी लोहिया वाहिनी के करीब आधा सैकड़ों कार्यकर्ता अचानक प्रकट हो गए और अखिलेश यादव जिंदाबाद मुलायम सिंह यादव जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। जिन्हें देखकर सुरक्षाकर्मी सकते में आ गए । युद्धाभ्यास को लोहिया वाहिनी के पदाधिकारी सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपलब्धि बताकर उनका गुड़गंन कर रहे थे और मौजूदा सरकार को कोस रहे थे ।
एयर स्ट्रिप पर रिहर्सल देखने आए दर्शकों को कंट्रोल में रखने के लिए कई जिलों से पुलिस बल और पी ए सी के जवान लगाए गए थे ।लेकिन रिहर्सल समाप्त होने के बाद बांगरमऊ संडीला मार्ग पर एक भी पुलिस का जवान नहीं दिखा। जिससे कई घंटों तक बांगरमऊ संडीला मार्ग पर कई किमी लम्बा जाम लगा रहा ।
वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि अगली बार जब वायु सेना का युद्धाभ्यास होगा तो बिना बताए होगा। तीन चार घंटे पूर्व हाईवे पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया जाएंगा और युद्धाभ्यास होने के बाद ही नागरिकों को पता चलेगा कि यहां पर वायु सेना का रिहर्सल हुआ है।
वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि सुखोई मिराज-2000 जैगुआर जैसे विमान सूर्य की किरणों की ओर टच डाउन करते हैं ।इसके पीछे अधिकारी ने कारण बताया कि सूर्य की ओर टच डाउन करने से चालक के मुंह पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है। जिससे उसे देखने में कठिनाई होती है। दूसरी बात यह है कि सूर्य की किरणों की ओर टच डाउन करने पर दुश्मन जहाज को देख नहीं पाता है और हमला करने के बाद सिर्फ जेट विमान की आवाज़ ही सुनाई देती ।
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