या अल्लाह मुल्क से दहशदगर्दी और फिरका परसती को मिटा और अमन व शांति वाला बना दे
आल इण्डिया गरीब नवाज़ काउंसिल के मरकज़ी कुल कंघी मोहाल बड़ा चौक में मौलाना हाशिम की खास दुआ (प्रार्थना)
मरकजी कुल शरीफ में दुआ करते मौलाना हाशिम अशरफी
कानपुर, 4 अप्रैल। ऐ अल्लाह हमारी सुरक्षा फरमा, आफतो और मुसिबतों से छुटकारा दे दे, ऐ अल्लाह हम तेरे बंदे है और तेरी ही बारगाह में तौबा करते है। हमारे तौबा (पलटने) को कुबूल फरमा, हमें हर तरह के पाप और बुरे कामों से सुरक्षित फरमा, ऐ अल्लाह तू चाहे तो जीवन छीन ले और तू चाहे तो जीवन दान कर दे, तू ही हाकिम और तू ही मददगार और सारी ज़रूरतों को पूरा करने वाला है। पाताल से लेकर आकाश तक तेरी ही बादशाहत है, ऐ अल्लाह हमारी परीक्षा न ले। जिन बन्दों की परीक्षा तूने लिया है उनके सदके में हमारी परीक्षा माफ फरमा दे, ऐ अल्लाह मुल्क से दहशतगर्दी और फिरकापरसती को मिटा दे और अमन व शांति फैला दे, ऐ अल्लाह हिन्दुस्तान के मुसलमानों के दिलों से हर डर और खौफ को दूर फरमा और शासकों को इंसाफ पर कायम फरमा, ऐ अल्लाह हमारे मुल्क को हरा भरा और खुशहाली प्रदान कर दे, ऐ अल्लाह तू हम सबसे राज़ी हो जा और हर वह काम ले जिससे तू और तेरा महबूब नबी राज़ी हो जाऐ, ऐ अल्लाह समाज में फैली हुई बुराईयों को मिटा दे, ऐ अल्लाह जवान बेटियों का रिश्ता दे दे, ऐ अल्लाह जो बिना दोष के जेल की सलाखों में है हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ के सदके में उन्हें छुटकारा दे दे। नमाज़ रोज़ा, हज, ज़कात आदि को करने की तौफीक दे दे।
आल इडिण्या गरीब नवाज़ काउंसिल के तत्वावधान में आयोजित मरकज़ी कुल शरीफ कंघी मोहाल बड़ा इमाम चौक में काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी ने दुआऐ की। मौलाना की आंखों में दुआ के समय आंसु बहने लगे जो निश्चित रूप से नेक फाली है। कुल में उपस्थित लोग भी दुआ में व्यस्त थे। हाथों को उठाये हुए थे और गिड़गिड़ा गिड़गिड़ा कर अपने रब से फरियादें कर रहे थे। मौलाना अशरफी ने विशेष रूप से ख्वाजा गरीब नवाज़ की दुहाई देते हुए मुल्क की खुशहाली, तरक्की, शांति की प्रार्थना किया। पूरे जलसा में रूहानी फज़ा छा गई थी। लोगों के आंखों से भी आंसू बहने लगे थे और ज़जबात में ख्वाजा ख्वाजा के नारे बुलंद कर रहे थे। विशेष रूप से ख्वाजा ख्वाजा कहते है हिन्दुस्तान में रहते है की आवाज़े हर तरफ से सुनाई देने लगी। इससे पूर्व अन्य उल्मा ने भी कौम से खिताब करते हुए कहा कि हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से अपील करते है कि ख्वाजा गरीब नवाज़ जो पूरे देश विदेश सभी के लिए एक महान संत पुरूष है, इनके उर्स 6 रजब की छुट्टी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करे। मौलाना अशरफी ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज़ का आसताना एैसा आस्थाना है जहाँ मुगलिया बादशाहों से लेकर अमरीकी अध्यक्ष ओबामा तक सैकड़ो शासकों ने अपनी उपस्थिति दी है और मोहब्बत की चादर पेश करके अपनी कामयाबी हेतु प्रार्थना किया है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि दुनिया के अनेक भागों में ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह की सुरक्षा के सम्बंध में हज़ारो पत्र हमें प्राप्त हुए है इसके मद्दे नज़र मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह ऐलान करता हूँ कि इस पवित्र दरगाह की सुरक्षा हर हाल में की जायेगी और उसकी इज्जत आबरू पर कभी आंच नहीं आने दिया जायेगा। यह अमन का आसताना और शांति का केन्द्र है। मौलाना अशरफी ने यह भी कहा कि कौंसिल की तहरीर भारतीय स्तर से चलाई जा रही है। भारत के कोने कोने से छुट्टी की मांगे हमारी तेज़ हो रही है। जब तक छुट्टी न होगी गरीब नवाज़ के चाहने वाले और यह संस्था गरीब नवाज़ कौंसिल चुप न बैठेगी। ख्वाजा गरीब नवाज ने पूरी दुनिया को सच्चाई का मार्ग दिखाया है। आज भी आपके आस्थाने पर हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म के लोग बड़े प्रेम से उपस्थित होते है। आज आवश्यक है कि गरीब नवाज़ के मिशन को पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैलाया जाए। ख्वाजा साहब का मिशन अपने आप में एक उदाहरण है। बेसहारा, मजबूरों, मोहताजो और अपंगों को बिना भेदभाव के सुबह व शाम लंगर खिलाया जाता है।
इससे पूर्व जलसे का आगाज़ कुरआन पाक की तिलावत से कारी मोहम्मद उस्मान बरकाती ने किया और जलसे का संचालन मौलाना मोईनुद्दीन अशरफी ने किया। इसके पश्चात अनेक लोगों ने गरीब नवाज़ की बारगाह में मनकबत पेश किया। तत्पश्चात कुल शरीफ का आयोजन बड़े ही हर्ष व उल्लास से प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर 11 बेवाओं को सिलाई मशीन भी दी गई और लंगरे आम बांटा गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मौलाना कासिम हबीबी, मौलाना महताब आलम मिस्बाही शहरी सदर, आल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के राष्ट्रीय सचिव मो. शाह आजम बरकाती, मास्टर नौषाद आलम मंसूरी, मौलाना अब्दुल रज़्ज़ाक, मो. इस्लाम उर्फ पप्पू निजामी, अतीक बरकाती, हाजी मुम्ताज़, हाफिज़ अब्दुल अहद, मौलाना नूर मोहम्मद अजहरी, मौलाना मो. सुहैब मिस्बाही, मास्टर इकबाल अहमद, शब्बीर उर्फ भइया, मेराज वारसी, मुन्ना अशरफी, ज़ुबैर वारसी, अब्दुससमी, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद अज़मत, मोहम्मद शाहिर बरकाती, पप्पू भाई, शाह आलम, मोहम्मद वासिफ अशरफी आदि उपस्थित रहे।
Aameen!
ReplyDeleteMaualan ne Sahi Baat kahi....
ReplyDeletedua me yaad rakhna
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