जी एस टी  के विरोध में बंद रहा कानपुर का थोक कपड़ा बाजार


कानपुर। कपड़े पर टैक्स लगाने का विरोध लगातार कपड़ा व्यवसासियों द्वारा बढता जा रहा है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली बंदी का समर्थन करते हुए कानपुर में भी कपडे की थोक बाजार कल गुरुवार को बंद रही। शहर में थोक की लगभग चार हजार दुकानें हैं जिसमें सौ करोड से अधिक का कारोबार रोज होता है। नौघडा कपडा कमेटी द्वारा जहां पूरी बाजार बंद रख धरना प्रदर्षन किया गया वहीं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा जीएसटी का विरोध करते हुए घंटाघर से जुलूस निकाला गया।
गुरुवार को घंटाघर से जीएसटी का विरोध करते हुए भरी दोपहर को अखिल भारतीय उद्योग व्यापर मण्डल के बैनर तले कपड़ा व्यापारियों ने एक जुलूस निकाला। इस दौरान नारेबाजरी की गयी तथा जीएसटी बिल में बरती जा रही कुछ नीतियों को हटाने की मांग की गयी। जुलूस के दौरान व्यापारी अपने हाथों को जंजीरो में जकडे थे। वहीं नौघडा कपड़ा कमेटी द्वारा सफल बंदी की गयी तथा बाजार में धरना देकर प्रदर्शन  करते हुए जीएसटी का विरोध किया गया। इस दौरान महामंत्री विजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि वित्त मंत्रालय द्वारा कपड़े पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा है, जिसके कारण उ.प्र. के सभी कपड़ा कारोबारियों में रोष व्याप्त है और उसका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं पर पडेगा। साथ ही सभी प्रकार के दुकानदारों को इससे बहुत परेशानी होगी। कहा अभी तक कपड़े के व्यापार पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं था, क्योंकि मिल में उत्पादन पर ही एक्साइज डयूटी के रूप में लगाया जाता रहा है जिससे कपड़े के व्यापार पर सिंगल बिन्दु पर ही टैक्स लगता है। इससे व्यापारियों को कोई भी दिक्कत नहीं होती है। देहात और गांव में भी दुकानदार के लिए इसको लगाना बहुत ही मुश्किल कार्य होगा और कपड़े का सभी व्यापार चैपट हो जायेगा। नौघडा बंदी के दौरान बाजार पूर्णतया बंद रहा और कहा गया कि जीएसटी यदि कपड़े से न हटाई गयी तो लड़ाई जारी रहेगी। व्यापारी अपना रजिस्ट्रेशन नही करायेगा और न ही अधिकारियों को कपड़ा बाजार में घुसने दिया जायेगा। 
इस अवसर पर सरकार विरोधी नारे लगाये गये। धरने में हीरालाल, श्रीकृष्ण गुप्ता, राधे श्याम माहेश्वरी, काशी प्रसाद शर्मा, चरनीजीत सिंह, राकेश कपूर, कृष्ण कुमार अग्रवाल, सुरेश गर्ग, पवन दुबे, विवेक गुप्ता सहित सैकडों व्यापारीगण उपस्थित रहे।

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